गौमाता को कैसे करें प्रसन्न जानें

Submitted by Shanidham Gaushala on 18 Apr, 2019

हिंदू धर्म में गौमाता, धेनु, गाय की पवित्रता और महत्व को माना गया है। गौ के दर्शन, पूजन, नमस्कार, परिक्रमा, गाय को सहलाने, गौग्रास देने तथा जल पिलाने आदि सेवा के द्वारा मनुष्य दुर्लभ सिद्धियाँ प्राप्त होती है  गौ सेवा से मनुष्य की मनोकामनाएँ जल्द ही पूरी हो जाती है.गाय के शरीर में सभी देवी-देवता, ऋषि मुनि, गंगा आदि सभी नदियाँ तथा तीर्थ निवास करते है  इसीलिये गौसेवा से सभी की सेवा का फल मिल जाता है  गौ को प्रणाम करने से धर्म, अर्थ, काम और मोक्ष इन चारो की प्राप्ति होती है अतः सुख की इच्छा रखने वाले बुद्धिमान पुरुष को गायो को निरंतर प्रणाम करना चाहिए. ऋषियों ने सर्वश्रेष्ठ और सर्वप्रथम किया जाने वाला धर्म गौसेवा को ही बताया है. गाय की सेवा करने से हमारे सभी मनोकामनाएं पूर्ण हो जाती है, सभी प्रकार के सुख मिलते हैं। गाय की पूजा की जाना चाहिए लेकिन यह कम ही लोग जानते हैं गाय को प्रसन्न कैसे किया जाए ? यदि गाय हमारी सेवा से प्रसन्न हो जाती है तो हमारे सभी बिगड़े काम बन जाते हैं और परेशानियां दूर हो जाती हैं। 
• गौमाता की विधिवत पूजा के साथ ही हमें उसे सहलाना चाहिए। गाय की पीठ, मुंह पर हाथ फेरने से गाय अतिप्रसन्न होती है। 
• गाय को घास खिलानी चाहिए। गाय की ऐसी सेवा से वह खुश हो जाती है और हमें आशीर्वाद देती है। इसके प्रभाव से हमारा बुरा समय टल जाता है और परेशानियां दूर हो जाती है। यह सभी जानते हैं कि जिस घर में गाय रहती है उस घर में कभी धन-धान्य कोई कमी नहीं रहती है। इस बात से स्पष्ट है कि गाय की प्रसन्नता हमारी सभी मनोकामनाएं पूर्ण कर देती है। 
• गाय की पवित्रता इसी बात से स्पष्ट होती है कि भागवत में श्रीकृष्ण ने भी गौमाता को पूजनीय बताया है।
• भोजन से पहले गो ग्रास देने की आदत सभी परिवारजनों में डालें। परिवार के बच्चों एवं अन्य सदस्यों के साथ गाय के महत्त्व की चर्चा करें।
• गौ से सम्बंधित पर्वों जैसे गोपाष्टमी, गोवत्सद्वादशी, बलराम जयंती, जन्माष्टमी, मकर संक्रांति इत्यादि में सम्मिलित हों फलों एवं सब्जियों का उपयोग में न आने वाला हिस्सा कचरे में न डाल, गौवंश को दें घर के सामने आने वाले गोवंश को पानी पिलायें| बचे हुए अन्न सब्जी आदि को भी गौवंश को समर्पित करें।
• प्लास्टिक की थैलियों का उपयोग न करें! कचरा प्लास्टिक की थैलियों में भरकर न फेंकें क्योंकि ये थैलियाँ ही गाय का आहार बनती हैं तथा प्लास्टिक की थैलियाँ खाने से गौ वंश अस्वस्थ होकर मृत्यु का ग्रास बनता है।
• गौ सेवा हेतु दैनिक बचत की प्रक्रिया आरम्भ करें जिसमें एक निश्चित राशि को दैनिक, साप्ताहिक या मासिक रूप से संचित करें जमा हुई राशि से गो ग्रास खरीद कर गौ वंश को खिलाएं या किसी जिम्मेदार गौशाला को दान में दें।